मंगलवार, 9 जनवरी 2024

कमल बाबू तिवारी

शीर्षक -मेरा जीवन तुमसे है

जिस दिन प्रिये मिली हो
जीवन संवर गया है
मेरे अकेलेपन का
सब ज्वर उतर गया है
प्रिय श्वास तुम्ही तो हो
एक आस तुम्ही तो हो
मेरे जीवन का
विश्वास तुम्ही तो हो
देखा था भर नज़र के
हम हो गए थे तेरे
फिर परिजन समक्ष अग्नि
हमने लिए थे फेरे
अब हे प्रिये तुम्हारे
विन अस्तित्व कुछ न मेरा
कुछ भी तो अलग नहीं है
मेरा तो सब कुछ तेरा
मेरी जीत तुम्ही तो हो 
मेरी हार तुम्हीं तो हो 
प्रिय 'कमल ' क़ी नैया क़ी
पतवार तुम्हीं तो हो
मै छोड़ 'कल्पना 'कहाँ जाऊँ
ये जीवन सुरभि कहाँ पाऊं
चाहे कितना रूठो मुझसे
मै करि मनुहार मना लाऊ
जिस दिन तुम मेरे घर आई
बाजी थी उस दिन शहनाई
प्रियतमा साथ तुम अपने ही
मेरे जीवन में बहार लाई
प्रिय हम तुम दोनों जभी मिले
इस आंगन मे दो फूल खिले
दिनभर दोनों चहका करते
प्रिय तुमसे न कोई शिकवे गिले
स्वागत मेहमान का तुमसे है
सम्मान बड़ो का तुमसे है
मै चलता फिरता पुतला हूँ
मेरा जीवन प्यारी तुमसे है
        – कमल तिवारी 

प्राप्त अशुद्धियां जिन पर विचार करें :– 
 विराम चिन्ह
पद समाप्ति पर अंतराल की जरूरत है 
जभी , बाजी 

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