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मंगलवार, 2 जनवरी 2024

सीमा गुप्ता

मेरे हमसफ़र 
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मेरे जीवन का साज हो मेरे दिल के हर कोने पर तेरा राज हो,
मेरे अपने सपने सब तुमसे है,तुम ही मेरे कल और आज हो।
मेरे अधर की मधुर मुस्कान हो, मेरे कंठ की सरस आवाज हो,
मेरा जीवन तुमसे है प्रिय तुम्हीं मेरे जीवन का श्रृंगार साज हो।

मेरे साथी जीवन के सम्पूर्ण सफर में तुम्हीं के संग रहना है,
तेरे चेहरे की हंसी-ख़ुशी मुस्कान मेरे तन-मन का गहना है।
परिणय बंध रस्मों-रीती से बंधी तेरी चुनरी को मैंने पहना है,
 जन्मों का बंधन है मेरा जीवन तुमसे है बस यही कहना है।

 कभी तो आप पियाजी दोस्त बनकर मेरा मजाक उड़ाते हो,
मेरे जीवन साथी कभी पिता भांति लगते मेरा लाड़ लड़ाते हो।
मेरी हर समस्या में सुरक्षा कवच बनकर मेरा साथ निभाते हो,
मेरा जीवन तुमसे है क्योंकि तुम ही मेरे हमसफ़र कहलाते हो।

 मेरे गीतों के हर शब्द तुम हो मेरी कविता भी कहलाते हो,
 कजरारे काजल से सजे मेरे नयनों में सबको दिखा जाते हो।
रूह से जुड़ा रिश्ता अपना बिन कहे मुझको समझ जाते हो,
मेरा जीवन तुमसे है तुम मेरे उदास चेहरे पर मुस्कान लाते हो।

बीत रहा साल हर साल जीवन हर के सोपान हम चढ़ते है,
छोड़े जो भी अपने पर आप हाथ में हाथ हमारा रखते है।
प्यार और सम्मान हम अपने पावन रिश्तें का बखूबी करते हैं।
मेरा जीवन तुमसे है,रहे सीमा-नरेंद्र संग दुआ रब से करते है।
                              -सीमा गुप्ता,अलवर राजस्थान

प्राप्त अशुद्धियां जिन पर विचार करें :–
अल्प विराम
वर्तनी : खुशी, बंध शब्द व्यर्थ प्रयुक्त, सफर, दिख जाते हो , हर के सोपान ,

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