************************
मुझे तुम्हारे सीने से लिपटना अच्छा लगता है,
शायद तुम्हारे दिल की धड़कन में
अपना नाम सुनना अच्छा लगता है।
चाहे ग़म के हो बादल,
या खुशियों की सौगात हो,
तुम्हारा साथ देना अच्छा लगता है,
मुझे तुम्हारे सीने से लिपटना अच्छा लगता है॥
चाहे तन्हाई की हो रातें,
या मिलन के हो पल,
तुम्हारे दिल में रहना अच्छा लगता है।
मुझे तुम्हारे सीने से लिपटना अच्छा लगता है॥
सुनो,
तुम अपने दिल का थोड़ा ज्यादा ख्याल रखा करो ना,
कहते नहीं तो क्या हुआ,
मेरा लिपटना तुम्हें भी तो अच्छा लगता है ना,
की तुम्हारे दिल की धड़कन में मेरा ही नाम बसता है,
यह मेहसूस करवाना अच्छा लगता है ना।
इसलिए तो मुझे तुम्हारे सीने से लिपटना अच्छा लगता है।
तुम्हारे दिल की हर धड़कन में मधु–योग सुनना अच्छा लगता है।।
– सौ. योगिता मधुसूदन सदाणी
प्राप्त अशुद्धियां जिन पर विचार करें :–
कोई तीन कोई चार पंक्ति के चरण,
वर्तनी : गम , महसूस, क्या हुआ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें