भारतीय नारी हूँ, सात जन्मों का साथ है,
युगों युगो से आस्था एंव विश्वास है,
संघर्षो से जीवन सुरभित हुआ,
दीप वन जल रही हूँ कयामत तक साथ है ।।
तुमसे ही खुबसूरत एहसास है,
तुमसे ही मेरा सोलह श्रृंगार है,
तुमसे ही मेरा प्यारा संसार है,
तुमसे ही जीवन का आधार है।।
मेरा परिचय थोड़ा सा, पर तुममें व्यापकता है
तुमसे जुड़कर कोई भी, मंजिल को पा सकता है
मैं मानस की चौपाई, तुम पुरी रामयाण हो
एक पक्ति में कह दूँ तो।
मेरा जीवन तुमसे है। साथ तुम्हारा पाया,
मुझको कितना मान मिला
हर प्यारे से रिश्ते का मुझको भी स्थान मिला
मैं साधारण पानी हूँ, तुम मलयागिरि चन्दन हो
एक यक्ति में कह दूँ तो मेरा जीवन तुमसे है ॥
प्राप्त अशुद्धियां जिन पर विचार करें :–
वर्तनी एवं विराम चिन्ह
एवं होना चाहिए , पंक्ति, उक्ति, तुम में
जोड़ीदार का नाम काव्य में निहित नहीं है।
कोई अंश 5 पंक्ति तो कोई चार पंक्ति के है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें