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मंगलवार, 2 जनवरी 2024

लोकेश कौशिक

मेरा जीवन तुमसे है-कविता

बड़े शान से मिली एक
रूह शालिनी
शांत, सौम्य, श्रेष्ठ विचार वाहिनी
जीवन को सुरों से
सजा दिया
संगीत आनंद का
बजा दिया
सात जन्मों का कर्जदार
बना दिया
जीवन मेरा खुशियों से
सजा दिया
जीवन में खुशियों का मेला
 लगा दिया
अपने प्रयासों से परिवार में सबका भेद 
मिटवा दिया
अब, और , क्या कहूं संगिनी
इस अभागे लोकेश कौशिक का जीवन
संवार दिया ।
      – लोकेश कौशिक

प्राप्त अशुद्धियां जिन पर विचार करें :–
विराम चिन्ह नहीं है।
वर्तनी : मिटवा , और के बाद comma 

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