मेरा जीवन तुमसे है
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हम अकेले थे जीवन-साथी,
रहे जैसे दीपक बिन-बाती।
यह जीवन कितना सुना है,
तभी हमने आपको चुनां है।
तुम्हारे बिना हम 'गुम' से है,
प्रिये मेरा जीवन तुमसे है।
मैं सूरज हूं तो तुम किरण हो,
मैं मधुबन हूं तो तुम हिरण हो
मैं चांद हूं तुम मेरी चांदनी हो,
मैं राग हूं तुम मेरी रागिनी हो।
सितारों में रोशनी भी उनसे है
प्रिये मेरा जीवन तुमसे है ।
तुलनां होती तुमसे प्यार की,
इंतहा होती है इंतजार की।
जब से लिए हैं हमने सात फेरे
सनम हम हो गए हैं अब तेरे।
ये इंद्रधनुषी रंग अब उनसे है,
प्रिये मेरा जीवन तुमसे है।
जब जब तुमसे बात होती है,
खुशियों की बरसात होती है।
जीवन भर रहेंगे हम संग-संग,
अब निखरेंगे इंद्रधनुषी रंग।
बिनां बरसात सब गुम से है।
प्रिये मेरा जीवन तुमसे है।
तुम्हारे बगैर जीवन था अधूरा,
मेरा सपनां होता नहीं पूरा।
कैसे चलती जीवन की गाड़ी,
क्यों खरीदता चूड़ियां-साड़ी।
सांथ तुम्हारे हम सुकून से हैं,
प्रिये मेरा जीवन तुमसे है।
अगर हम तुमसे नहीं मिलते,
आंगनमें दो फूल नहीं खिलते
बच्चों की आवाज नहीं आती,
रिश्तोंका महत्व कौन बताती।
साथ तुम्हारे हम सुकून से हैं,
प्रिये मेरा जीवन तुमसे है।
मेरे घर आई तुम्हारी डोली,
तबसे तीज-त्यौहार रंगोली।
तुम्हारी ही मीठी-मीठी बोली,
तुम ही से है रक्षाबंधन-होली,
रिश्ता संग तुम्हारे जुनून से हैं,
प्रिये मेरा जीवन तुमसे है।
जीवन-पथ के अंधियारों में,
इस प्रेम पथ के गलीयारों में।
जब राह भी नजर नहीं आती,
तब मुझे रास्ता कौन बताती ।
जैसे गेहूं का नाता धुन से है।
प्रिये मेरा जीवन तुमसे है
हो गए हम सात जन्मों के सांथी,
मेरा घर-परिवार कौन सजाती।
हर एक दिन जैसे कोई पर्व है,
मुझे भी तुम पर बहुत गर्व है।
के पी चौहान जीते हैं शान से,
शादी करके सौरम चौहान से।
मेरा घर-परिवार सुकून से है,
प्रिये मेरा जीवन तुमसे है।
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आशु कवि-शिक्षक"लायन" फोटोग्राफर-के.पी.एस. चौहान" आरजू"सब-रस मालवी एवं हिंदी हास्य व्यंग लेखक
पता:-ग्राम एवं पोस्ट गुरान, पीपल चौराहा मकान नं.40 तहसील सांवेर जिला इंदौर (म.प्र.)पिनकोड नं.453551
मोंनं-98260 31513 -
95222 88658
प्राप्त अशुद्धियां जिन पर विचार करें:
वर्तनी : चुना, तुलना, बिना, आंगन में, सपना , रिश्तो का, हैं, घुन, साथी शब्द में गलतियां है।
प्रश्न चिन्ह नहीं।
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