ना कामदेव सी सूरत तुम्हारी
न कलियों सा यौवन
ऐ प्रियतम फिर भी मेरा जीवन तुमसे है।
ना श्वेत शुभ्र सा रंग है तुम्हारा,
ना तितलियों सा रंग बिरंगा
फिर भी जीवन की तस्वीर तुमसे है।
ना सूरज सी चमक है तुम्हारी,
फिर भी प्रियतम मेरे चेहरे की आभा तुमसे है।
ना चंदन सी महक है तुम्हारी,
फिर भी प्रियतम तेरे तन की खुशबू तुमसे है।
ना बाजुओ में हिमालय सी ताक़त ,
फिर भी प्रियतम आगोश में तेरे आ जाऊ।
सांसो की इस हलचल में ,
ऐ प्रियतम तेरी ही तो धड़कन है।
वो मेरा इंद्र है वो मेरा स्वर्ग है
ऐ राजेंद्र मेरा जीवन तुमसे है।
– आपकी हंसती मुस्कुराती सखी प्रमिला सैनी
प्राप्त अशुद्धियां जिन पर विचार करें :–
वर्तनी एवं विराम चिन्ह
शब्दों की पुनरावृति के बजाय नए शब्द प्रयोग कीजिए।
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