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बुधवार, 3 जनवरी 2024

कीर्ति देवानी

कविता
मेरा जीवन तुमसे है
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मेरा जीवन तुमसे है
 सुनील संग कीर्ति
जेसे दिया और बाती
तुम जीवन ज्योत हो मेरी मैंअर्धांगी तेरी।
    मेरा जीवन तुमसे है। 
                 मैं लब हु
                  तुम बात हो
                 मैं तब हूं
           जब तुम मेरे साथ हो।
           मेरा जीवन तुमसे है।
मेरा आज तुम
मेरा कल तुम
मेरा आनेवाला हर पल
तुमसे है।
बस यही है कहना
मेरा जीवन तुमसे है।
               मेरा 16 शृंगार तुमसे
               मेरा सजना भी
                  तेरे लिए
          मेरा सवरना भी तुमसे
            मेरा जीवन तुमसे है।
मैं वो लफ्ज़ भी
कहां से लाऊं
कितना प्यार हैं तुमसे 
जो मैं तुम्हें बताऊं
मेरा जीवन तुमसे है।
                  मेरी दुनिया
            मेरी पुरी कायनात हों तुम
               तुम ही जिंदगी
          जीने की वज़ह हो तुम
           मेरा जीवन तुमसे है।

कीर्ती की कलम ✍🏻
कीर्ति देवानी
नागपुर महाराष्ट्र

प्राप्त अशुद्धियां जिन पर विचार करें: 
वर्तनी शुद्ध करे – जैसे, अर्द्धांगिनी, हूं, श्रृंगार, संवरना, हो
अल्प विराम चिन्ह नहीं है।

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