चौदह सालों का हिसाब वो गिनता,
लगा के जैसे वनवास खत्म है!!
मस्ती मजाक में कह गया शायद..
मैं तो कहती, संवाद खत्म है!!
इसकी उसकी सब की सुन ली,
अब तो सुने हम इक दूजे को,
कहती दिल पे हाथ तू रख ले,
फिर कहना ये प्यार भरम है!
चौदह पल या चौदह चाँद का जीवन,
जितना हो, पूरे चाँद सा जीवन!
अंधेरे हो या फिर राह उजाले,
हाथों में थामे हाथ सा जीवन!
नैनों में आर्त इक दीप जलाता,
संदेश इस दिल का आह भरे,
जीवनसाथी संजोग है प्यारा,
गर इक दूजे की परवाह करें!
हस्तमिलाप का इक वो दिन था और..
मन मिलाप का भी इक दिन हो,
जुड जायें जब अंतर्मन फिर
जीवन कैसे.. इक दूजे बिन हो!
-𝓓𝓮𝓮𝓹𝓼 𝓐𝓵𝓲𝓿𝓮
(दिपश्री मणियार,
पुणे, महाराष्ट्र)
प्राप्त अशुद्धियां जिन पर विचार करें :–
वर्तनी एवं विराम चिन्ह
जुड़ होना चाहिए
पूर्ण विराम के स्थान पर विस्मय बोधक चिह्न का प्रयोग, व्याकरण संबंधी अशुद्धि है।
जहां विशेष भाव न उत्पन हो तब तक इक नहीं एक शब्द का ही प्रयोग कीजिए।
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